Tuesday, November 27, 2012

आठवें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर

former prime minister chandrashekhar 
जीवन-परिचय
स्वतंत्र भारत के आठवें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का जन्म 1 जुलाई, 1927 को उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव इब्राहिमपुर के एक कृषक परिवार में हुआ था. विश्वनाथ प्रताप सिंह के असफल शासन के बाद चंद्रशेखर ने ही प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था. राजनीति की ओर चंद्रशेखर का रुझान विद्यार्थी जीवन में ही हो गया था. निष्पक्ष देश-प्रेम के कारण इन्हें ‘युवा तुर्क’ के नाम से भी जाना जाता है. चंद्रशेखर की कुशल भाषा शैली विपक्षी खेमे में भी काफी लोकप्रिय थी. वह राजनीति को पक्ष-विपक्ष के दृष्टिकोण से नहीं देखते थे. वह केवल देश हित के लिए कार्य करने में ही खुद को सहज महसूस करते थे. इलाहाबाद विश्विद्यालय से स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही उन्होंने भारतीय राजनीति में कदम रख दिया था.

चंद्रशेखर का व्यक्तित्व
चंद्रशेखर के विषय में कहा जाता है कि बहुत कम लोगों को मेधावी योग्यता प्राप्त होती है और यह उन्हीं में से एक हैं. चंद्रशेखर आचार्य नरेंद्र के काफी करीब माने जाते थे जिससे उनका व्यक्तित्व और चरित्र काफी हद तक प्रभावित हुआ. उनका व्यक्तित्व इतना प्रभावी था कि पक्ष हो या विपक्ष सभी उनका सम्मान करते थे. साथ ही किसी भी समस्या की स्थिति में इनके परामर्श को वरीयता देते थे. वह पूर्णत: निष्पक्ष रह कर काम करते थे. वह अपने क्रांतिकारी विचारों के लिए जाने जाते थे. इनके विषय में एक व्यंग्य भी प्रचलित है कि अगर संसद मछली बाजार बन रहा हो तो इनके भाषण से वहां सन्नाटा पसर जाता था. उनका स्वभाव बेहद संयमित था. यहां तक कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वह अपने संयम और कुशल व्यवहार के लिए जाने जाते थे.

चंद्रशेखर का राजनैतिक सफर
राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही वह समाजवादी आंदोलन से जुड़ गए थे. जल्द ही वह बलिया जिला के प्रजा समाजवादी दल के सचिव बने और उसके बाद राज्य स्तर पर इसके संयुक्त सचिव बने. राष्ट्रीय राजनीति में चंद्रशेखर का आगमन उत्तर प्रदेश राज्यसभा में चयनित होने के बाद हुआ. यहीं से ही उन्होंने वंचित और दलित वर्गों के लोगों के हितों के लिए आवाज उठानी शुरू कर दी थी. गंभीर मुद्दों पर वह बेहद तीक्ष्ण भाव में अपनी बात रखते थे. विपक्ष भी उनके तेवरों को भांपते हुए कुछ नहीं कह पाता था. सन 1975 में अपातकाल लागू होने के बाद जिन नेताओं को इन्दिरा गांधी ने जेल भेजा था उनमें से एक चंद्रशेखर भी थे. वी.पी. सिंह के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद चंद्रशेखर, कॉग्रेस आई के समर्थन से सत्तारूढ़ हुए. रिजर्व बैंक में मुद्रा संतुलन बनाए रखने में चंद्रशेखर का बहुत बड़ा योगदान था.

चंद्रशेखर का लेखन और पत्रकारिता के प्रति रुझान
चंद्रशेखर अपने विचारों की अभिव्यक्ति बड़े तीखे अंदाज में करते थे. राजनीति और समाज से जुड़े किसी भी मसले को वह तथ्यों के आधार पर ही देखते और समझते थे. केवल राजनीति ही नहीं वह पत्रकारिता में भी खासी रुचि रखते थे. उन्होंने यंग इण्डिया नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र का भी संपादन और प्रकाशन किया. अपने समाचार पत्र में वह किसी भी समस्या की समीक्षा बड़ी बेबाकी से करते थे. अपनी इसी बेबाकी और निष्पक्षता के कारण वह बौद्धिक वर्ग में भी काफी लोकप्रिय रहे. वह लेखन को आम जनता तक अपनी बात पहुंचाने का सबसे सशक्त माध्यम मानते थे. इसी कारण आपातकाल के समय इन्दिरा गांधी द्वारा जेल भेजे जाने की घटना को और अपने जेल के अनुभवों को उन्होंने एक डायरी में समेट लिया जो मेरी जेल डायरी के नाम से प्रकाशित हुई. इसके अलावा चंद्रशेखर की एक और कृति ‘डायनमिक्स ऑफ चेंज’ के नाम से प्रकाशित हुई. जिसमें उन्होंने यंग इंडिया के अपने अनुभवों और कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को संकलित किया. उनके लेखन की सबसे खास बात यह थी कि वह विषय का भली प्रकार अध्ययन करते और शुरू से अंत तक अपनी पकड़ बनाए रखते थे.

चंद्रशेखर को दिए गए सम्मान
चंद्रशेखर देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें वर्ष 1955 में सर्वाधिक योग्य सांसद का सम्मान प्रदान किया गया था.

चंद्रशेखर का निधन
चंद्रशेखर काफी समय से प्लाज्मा कैंसर से पीडित थे. 8 जुलाई, 2007 को नई दिल्ली के एक अस्पताल में चंद्रशेखर का निधन हो गया.

चंद्रशेखर एक ईमानदार और कर्मठ प्रधानमंत्री थे. उनकी एक विशेषता यह भी थी कि वह हर कार्य को समर्पण भाव से करते थे. प्रधानमंत्री के पद से हटने के बाद वह भोंडसी में अपने आश्रम में ही रहना पसंद करते थे जहां सत्तारूढ़ नेता और विपक्षी दोनों ही उनसे परामर्श लेने आते थे. सरकार द्वारा अपने आश्रम की जमीन का विरोध करने पर उन्होंने इसका एक बड़ा हिस्सा सरकार को वापस कर दिया. चंद्रशेखर के विषय में यह कहना गलत नहीं होगा कि वह एक संयमित चरित्र वाला व्यक्ति होने के साथ-साथ एक ईमानदार प्रधानमंत्री भी थे जिनकी योग्यताओं और महत्वाकांक्षाओं पर संदेह करना मुश्किल है. अपने जीवनकाल में वह बेहद सम्मानीय पुरुष रहे. आज भी राजनैतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से इनकी लोकप्रियता को कम नहीं आंका जा सकता.

शहीदों के सम्मान के मौके पर नेताओं ने किया शर्मसार!

PHOTOS : शहीदों के सम्मान के मौके पर नेताओं ने किया शर्मसार!
मुंबई। हमले के शहीदों-मृतकों को संसद समेत देशभर में सोमवार को श्रद्धांजलि दी गई। लेकिन इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, कृषि मंत्री शरद पवार, राज्यपाल के शंकरनारायणन और सीएम पृथ्वीराज चव्हाण जूते उतारना भी मुनासिब नहीं समझे। 
 
मुंबई अब भी असुरक्षित: कविता 
 
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शहीद हेमंत करकरे की पत्नी कविता ने कहा-आतंक के खिलाफ लड़ाई अभी शुरू ही हुई है। मुंबई अब भी असुरक्षित है। 26/11 के बाद भी पुणो और अन्य जगहों में बम विस्फोट हुए हैं। पुलिस को अत्याधुनिक हथियार नहीं मिले हैं। बुलेट प्रूफ जैकेट घोटाले का मामला अभी तक नहीं सुलझा है।’
 
 
मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे। इनमें तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमंत भी थे। हमले की चौथी बरसी से पांच दिन पहले मुख्य आरोपी कसाब को फांसी दी गई थी। इससे शहीदों के परिजनों में खुशी तो दिखी लेकिन अपनों को खोने का गम साफ नजर आया। कविता ने कहा, ‘मैं खुश हूं। लेकिन कसाब को फांसी देने से मेरे पति या दिव्या के पिता तो वापस नहीं आएंगे।’ 
 
उन्होंने साथ ही कहा, ‘मुंबई अब भी असुरक्षित है। 26/11 के बाद भी पुणो और अन्य जगहों में बम विस्फोट हुए हैं। पुलिस विभाग को अभी तक अत्याधुनिक हथियार नहीं मिले हैं। बुलेट प्रूफ जैकेट घोटाले का मामला अभी तक नहीं सुलझा है।’

कैसे वक्‍त काटते हैं अटल बिहारी, जानिए


कैसे वक्‍त काटते हैं अटल बिहारी, जॉर्ज फर्नांडिस और दिलीप कुमार, जानिए

'संसद ठप होते देखी तो तुरंत चैनल बदलवाया' 
 
नईदिल्ली. 6-ए, कृष्ण मेनन लेन 
एसपीजी के जवानों की चहल-पहल से आबाद यह है अटल बिहारी वाजपेयी का सरकारी निवास। 2004 के बाद वे गिने-चुने सार्वजनिक आयोजनों में ही देखे गए। तीन साल से कुछ लिखा नहीं, दो साल से कुछ बोले नहीं हैं। गजब की भाषण कला ही तो उनकी पहचान रही है पर वे अब 'मौन' हैं। पैरालिसिस ने उनकी वाणी को विराम भले ही दे दिया हो मगर वे चैतन्य हैं। इशारों में संवाद करते हैं। 20 सालों में करीब दस सर्जरी हुई हैं उनकी। डॉक्टरों की मौजूदगी में नियमित फिजियोथेरेपी के बाद ज्यादा वक्त टीवी के सामने गुजरता है। कोयला घोटाले के चलते संसद की कार्यवाही जब ठप हुई, बिस्तर पर लेटे अटलजी टीवी पर टकटकी लगाए थे। सबसे करीबी सहयोगी शिवकुमार बताते हैं कि संसद में हंगामा देखकर उन्होंने फौरन चैनल बदलवाया। चेहरे से जाहिर था कि उन्हें यह तमाशा पसंद नहीं आया। वे गाने सुनने लगे! इंडियन आयडल जैसे कार्यक्रम खास पसंद हैं। 25 दिसंबर को अटलजी 88 साल के हो रहे हैं।

मै अपने गाँव लौटूंगा

मै अपने गाँव लौटूंगा झरवेरियों और बंसवारियों में उलझे पंखो को बटोरते ,
वंही कंही छूट गया बचपन समेट लूँगा ,पहन लूँगा मोर पंख // 
कोरी आँखों के सपने बिखरे होंगे ,
वहीँ ... उड़ रही होंगी तितलियाँ चुन लूँगा, बटोर लूँगा बीर बहूटियाँ/
 मेरे चले आने के बाद खलिहान में पुआलों की खरही के नीचे छिपा कर रखे मेरे कंचे सुबक रहे होंगे/
भर लूँगा अपनी फटी जेबों में /
 बांसों के झुरमुट में फंसी ,कहीं पड़ी होगी मेरी कपडे की गेंद ,
मेरे लौटने की प्रतीक्षा में आँखे बिछाए बाट विसूरते ,तर तर हो रही होगी / 
 मेरी सिंकियाई धमनियां वहीं कहीं गहूं के गांजों के बीच ,
फिर से पा लेंगी अपने लहू का आवेग / 
 मंदिर के बावली के किनारे सिमटते चरागाह से सटी अमराई में आकाश से उतर करसपनो जैसे सुग्गे मुझे खोज रहे होंगे ,
धुंध से घिरे गन्ना और मकई के लहलहाते खेतों के टेढ़े मेढ़े मेड़ों के मुजौटों के बीच सावन की तेज बंवछारों में गदराये सांवाँ के बन्दर पुच्छी बालों से झरते ,
अक्षरों को समेट कर अपने भीतर का स्वर मै पा लूँगा मै अपने गाँव लौटूंगा

Monday, November 19, 2012

आठवीं फेल बाबा और ये पढ़े लिखे लोग .....


रामदेव और उनके आन्दोलन पे काफी कुछ लिखा जा रहा है ....एक बात पे सभी लेखक सहमत है ...फिर वो चाहे अंग्रेजी के हों या हिंदी के .....कि बाबा आठवीं फेल है ......8th drop out .....अब मैं आपको बता दूं कि बाबा ने स्कूल ( अगर आप उसे स्कूल मानें तो ) आठवीं में छोड़ दिया और गुरुकुल खानपुर चले गए ......... फिर वहां 20 साल तक उन्होंने संस्कृत का व्याकरण , litrature और दर्शन शास्त्र ...philosophy पढ़ा .......संस्कृत की पढ़ाई अष्टाध्यायी से शुरू होती है और महाभाष्य पे ख़तम पे होती है .इसमें बेहद brilliant students भी कम से कम दस साल लगाते है ..वैसे महाभाष्य के लिए तो सुना है की 20 साल भी कम हैं .....और महाभाष्य पढ़े student के सामने ये PhD लोग बच्चे लगते हैं ......अब हमारे मीडिया के ये पढ़े लिखे ( BA ) भाई लोग अगर बाबा को आठवीं फेल लिखते हैं अगर ,तो उनकी बुद्धि पर तरस आता है मुझे ......बीस साल तक संस्कृत litrature और grammar पढ़ा लिखा आदमी ....उसे ये लोग 8th dropout लिखते हैं ......यानि संस्कृत कोई subject ही नहीं और पढ़ा लिखा वो जो कॉलेज से BA की डिग्री ले ........और एक बात बता दूं आप लोगों को ...पिछले ,महीने मुझे एक हफ्ता एक गुरुकुल में रहने का मौका मिला ...वहां का स्टुडेंट रोज़ सुबह 3 .45 पे उठता है .........और कोई उठाता नहीं है जनाब ....अपने से उठता है ......रोज़ 8 से 10 घंटे स्वाध्याय करता है .....10 साल तक .......exam गुरु जी लेते हैं..... कहीं से कोई question पेपर नहीं आता .......नक़ल मार के कॉपी नहीं भरता है .......और संस्कृत litrature और philosophy पढने के लिए तो 50 साल भी कम हैं .
जहाँ तक बात योग की है तो योग मात्र चार आसन और deep breathing मात्र नहीं है ......ये एक जीवन दर्शन है ........यानि एक संपूर्ण जीवन शैली है ....जो आपके thought process और stress level को regulate करती है ...आपके life style में changes लाती है .......अब आपकी पूरी medical science खुद कहती है की सारी problems की जड़ ये stress और life style ही है .....इसे योग से ठीक किया जा सकता है ........योग को इस से सरल भाषा में नहीं समझाया जा सकता .......पर इसे फील करने के लिए आपको इसे करना पड़ेगा ....इस से पहले मैं भी ये सारी बातें सिर्फ सुनता था .......पिछले एक महीने से योग कर रहा हूँ ....6 किलो वज़न कम हो चुका है ....बिना किसी dieting के.........स्ट्रेस गायब है जिंदगी से ........मैं अपने जीवन में आनंद महसूस कर रहा हूँ ...वैसे मैंने सुना है की आनंद की अनुभूति कोकीन का shot लेने के बाद भी होती है .......अब ये आप को decide करना है कि आपको कौन सा आनंद चाहिए ......किसी आदमी के लिए कुटिया में भी आनंद ही आनंद है और अपने मुकेश भाई अम्बानी को अपने उस 23 मंजिला घर में भी आनंद मिला या नहीं मैं कह नहीं सकता ........और आज मुझे ये भी पढने को मिला कि बाबा के ज़्यादातर समर्थक intellectually challenged lower middle class लोग हैं ......मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ .....की हम सब लोग जो उस दिन रामलीला मैदान में भूखे प्यासे बैठे थे ...रात भर पुलिस से पिटते रहे ......अगले दिन धूप में...... 41 डिग्री में ....सारा दिन अपने दोस्तों को ढूंढते रहे ........( तकरीबन सबके फोन बंद हो चुके थे ..चार्ज न होने के कारण ) हम लोग वाकई intellectuals नहीं है ....intellectual होते तो अपने बेडरूम में ac 16 डिग्री पे चला के सोते ...देश तो जैसे तैसे चल ही रहा है .......intellectual वो होता है जो morning walk पे भी अपनी SUV में जाता है .......जिसकी लड़की की शादी में 850 dishes serve होती हैं जिसमे 25 किस्म के तो पुलाव होते हैं .......हम दाल भात खाने वाले लोग ........हमें बात बात में कंधे उचका के oh noooo ....oh shit कहना तक नहीं आता .......हम भोजपुरी और हरयाणवी में बात करने वाले लोग .......हम कहाँ के intellectual .....
ये भी कहा जा रहा है की बाबा को अपना काम करना चाहिए ........जिसका जो काम है उसे वो करना चाहिए ......सबको सिर्फ अपना काम करना चाहिए ......बात भी सही है .......बाबा को योग सिखाना चाहिए ....चंदा बटोर के बड़ा सा AC आश्रम बना के अपने भक्तों से चरण पुजवाने चाहिए ..........किसान खेती करे ...student पढ़ाई करे ...दुकानदार दुकान चलाये ....... गृहणी घर का झाड़ू पोंछा करे ......अभिनेता फिल्म बनाए ...लोगों की शादी में नाचे और पेप्सी बेचे ......हम अखबार और चैनल चलायें .....नेता देश चलायें .......सही बात है ..हम साले दो कौड़ी के लोग ...खेती बाड़ी छोड़ के यहाँ क्या कर रहे हैं, दिल्ली में .......हम अनशन करेंगे तो इनकी बेटी की शादी में 850 dishes बनाने के लिए अन्न कौन उगाएगा .......हमारा बाप ???????? ऊपर से हमें मालूम ही क्या है काले धन की इन कानूनी पेचीदगियों का ......अंतरराष्ट्रीय कानूनों का ...अर्थशास्त्र का .....हमें जा के अपना काम करना चाहिए ......हमने क्या ठेका ले रखा है देश का ....country will be run by these generals of democracy .........ये काम हमें कपिल सिब्बल ,चिदंबरम .मोंटेक .और मनमोहन सिंह,बरखा दत्त और वीर संघवी और cp surendran के लिए छोड़ देना चाहिए .......ये सब विद्वान् ...पढ़े लिखे लोग हैं ....सम्हाल लेंगे ......
सुना है कि अनशन और सत्याग्रह से कोई समस्या हल नहीं होती है ....समाज चलाना ये संतों साधू सन्यासियों का काम नहीं ..........पर मेरे भाई जरा पीछे नज़र तो मारो ...ये देश जो आज थोडा बहुत कुछ है इसमें ,दयानंद ,विवेकानंद ,राम मोहन रॉय ,इश्वर चन्द्र विद्यासागर ,गाँधी और विनोबा जैसे संतों की ही देन है .............समाज को इन्ही लोगों ने सुधारा ......जात पात ,छुआ छूत ,बाल विवाह ,सती प्रथा , स्त्री शिक्षा , बंटे हुए समाज को जोड़ने का काम किया .......पर इन democratic generals ने ???????? . जो जात पात इस देश से जा रहा था उसे पुनर्स्थापित किया ......मंडल कमीशन ....वी पी सिंह ,आरक्षण की राज नीति , जाट आन्दोलन ,गुर्जर आन्दोलन , विकराल भ्रष्टाचार , regionalism , भाषा की लड़ाई .....ये सब किसकी देन है ....... democracy के इन genrals की .....अब इसे ठीक कौन करेगा ...ये लोग ....जी नहीं .......इन संतों के नेतृत्व में ...आप और मैं .......



Shwami Ramdeva Ji

Sunday, October 21, 2012

क्या आप सच में शाकाहारी है?

भारत मे कुल 3600 बड़े कत्लखाने है जिनके पास पशुओ को काटने का लाईसेंस है !! जो सरकार ने दे रखा है ! इसके इलावा 35000 से अधिक छोटे मोटे कत्लखाने है जो गैर कानूनी ढंग से चल रहे है ! कोई कुछ पूछने वाला नहीं ! हर साल 4 करोड़ पशुओ का कत्ल किया जाता है ! जिसने गाय ,भैंस ,

सूअर,बकरा ,बकरी ,ऊंट,आदि शामिल है ! मुर्गीया कितनी काटी जाती है इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है !

गाय का कतल होने के बाद मांस उत्पन्न होता है और मांसाहारी लोग उसे भरपूर खाते है | भारत के 20% लोग मांसाहारी है जो रोज मांस खाते है और सब तरह का मांस खाते है | मांस के इलावा दूसरी जो चीज प्राप्त की जाती है वो है तेल ! उसे tellow कहते है जैसे गाय के मांस से जो तेल निकलता है उसे beef tellow और सूअर की मांस से जो तेल निकलता है उसे pork tellow कहते है |

इस तेल का सबसे ज़्यादातर उपयोग चेहरे में लगाने वाली क्रीम बनाने में होता है जैसे Fair & Lovely , Ponds , Emami इत्यादि | ये तेल क्रीम बनाने वाली कंपनियो द्वारा खरीदा जाता है ! और जैसा कि आप जानते है मद्रास high court मे श्री राजीव दीक्षित जी ने विदेशी कंपनी fair and lovely के खिलाफ case जीता था जिसमे कंपनी ने खुद माना था कि हम इस fair and lovely मे सूअर की चर्बी का तेल मिलाते हैं !
आप यहाँ click कर देख सकते है !
http://www.youtube.com/watch?v=tzdbFhKkxoI&feature=plcp

तो क्त्ल्खानों मे मांस और तेल के बाद जानवरो का खून निकाला जाता है ! कसाई गाय और दूसरे पशुओ को पहले उल्टा रस्सी से टांग देते हैं फिर तेज धार वाले चाकू से उनकी गर्दन पर वार किया जाता है और एक दम से खून बहने लगता है नीचे उन्होने एक ड्रम रखा होता है जिसने खून इकठा
किया जाता है यहाँ click कर देख सकते हैं !
http://www.youtube.com/watch?v=tgQuXz5kVHc&feature=plcp

तो खून का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है अँग्रेजी दवा (एलोपेथि दवा) बनाने मे ! गाय के शरीर से निकला हुआ खून ,मछ्ली के शरीर से निकला हुआ खून बैल ,बछड़ा बछड़ी के शरीर से निकला हुआ खून से जो एक दवा बनाई जाती है उसका नाम है dexorange ! बहुत ही popular दवा है और डाक्टर इसको खून की कमी के लिए महिलाओ को लिखते है खासकर जब वो गर्भावस्था मे होती है क्यूंकि तब महिलाओ मे खून की कमी आ जाती है और डाक्टर उनको जानवरो के खून से बनी दवा लिखते है क्यूंकि उनको दवा कंपनियो से बहुत भारी कमीशन मिलता है !

इसके इलावा रक्त का प्रयोग बहुत बड़े पैमाने पर lipstick बनाने मे होता है ! इसके बाद रक्त एक और प्रयोग चाय बनाने मे बहुत सी कंपनिया करती है ! अब चाय तो पोधे से प्राप्त होती है ! और चाय के पोधे का size उतना ही होता है जितना गेहूं के पोधे का होता है ! उसमे पत्तिया होती है उनको तोड़ा जाता है और फिर उसे सुखाते हैं ! तो पत्तियों को सूखाकर पैकेट मे बंद कर बेचा जाता हैं !

और पतितयो को नीचे का जो टूट कर गिरता है जिसे डेंटरल कहते हैं आखिरी हिस्सा !लेकिन ये चाय नहीं है ! चाय तो वो ऊपर की पत्ती है ! तो फिर क्या करते है इसको चाय जैसा बनाया जाता है ! अगर हम उस नीचले हिस्से को सूखा कर पानी मे डाले तो चाय जैसा रंग नहीं आता ! तो ये विदेशी कपनिया brookbond,ipton,आदि क्या करती है जानवरो के शरीर से निकला हुआ खून को इसमे मिलकर सूखा कर डिब्बे मे बंद कर बेचती है ! तकनीकी भाषा मे इसे tea dust कहते है !तो tea dust को जी चाय बनाकर बेचने के लिए काफी कंपनिया जानवरो के खून का प्रयोग करती हैं !इसके इलवा कुछ कंपनिया nail polish बनाने ने प्रयोग करती है !!

मांस,तेल ,खून ,के बाद क्त्ल्खानों मे पशुओ कि हड्डीया निकलती है ! और इसका प्रयोग toothpaste बनाने वाली कंपनिया करती है colgate,close up,pepsodent cibaca,आदि आदि ! सबसे पहले जानवरो कि हड्डियों को इकठा किया जाता है ! उसे सुखाया जाता है फिर एक मशीन आती है bone crasher ! इसमे इसको डालकर इसका पाउडर बनाया जाता है और कंपनियो को बेचा जाता है !shiving cream बनाने वाली काफी कंपनिया भी इसका प्रयोग करती हैं !

और आजकल इन हड्डियों का प्रयोग जो होने लगा है टेल्कम powder बनाने मे ! नहाने के बाद लोग लागाते हैं उसमे इसका प्रयोग होता है ! क्यूंकि ये थोड़ा सस्ता पड़ता है ! वैसे टेल्कम powder पथर से बनता है! और 60 से 70 रुपए किलो मिलता है और गाय की हड्डियों का powder 25 से 30 रुपए मिल जाता है !! इस लिए कंपनिया हड्डियों का प्रयोग करती हैं !

इसके बाद गाय ऊपर की जो चमड़ी है उसका सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है cricket के ball बनाने मे ! लाल रंग की ball होती है आज कल सफ़ेद रंग मे भी आती है ! जो गाय की चमड़ी से बनाई जाती है !गाय के बछड़े की चमड़ी का प्रयोग ज्यादा होता है ball बनाने मे ! दूसरी एक ball होती है foot ball ! cricket ball तो छोटी होती है ! पर foot ball बड़ी होती है इसमे और ज्यादा प्रयोग होता है गाय के चमड़े का !!

आजकल और एक उद्योग मे इस चमड़े का बहुत प्रयोग हो रहा है !जूते चप्पल बनाने मे ! अगर आप बाजार से कोई ऐसा जूता चप्पल खरीदते है ! जो चमड़े का है और बहुत ही soft है तो वो 100 % गाय के बछड़े के चमड़े का बना है ! और अगर hard है तो ऊंट और घोड़े के चमड़े का ! इसके इलवा चमड़े के प्रयोग पर्स ,बेल्ट जो बांधते है ! इसके इलवा आजकल सजावट के समान ने इन का प्रयोग किया जाता है !!
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तो गाय और गाय जैसे जानवरो आदि का कत्ल होता है ! तो 5 वस्तुए निकलती है !!

1) मांस निकला ------जो मांसाहारी लोग खाते है !

2)चर्बी का तेल ----जो cosmatic बनाने मे प्रयोग हुआ !

3) खून निकाला ------ जो अँग्रेजी एलोपेथी दवाइया ,चाय बनाने मे ! nailpolish lipstick मे !

4)हडडिया निकली ------ इसका प्रयोग toothpaste, tooth powder,shiving cream मे !aur टेलकम powder

5) चमड़ा निकला !------ इसका प्रयोग cricket ball,foot ball जूते, चप्पल, बैग ,belt आदि !

जैसा ऊपर बताया 35000 क्तलखाने है और 4 करोड़ गाय ,भैंस ,बछड़ा ,बकरी ,ऊंट आदि काटे जाते है !
तो इनसे जितना मांस उतपन होता है वो बिकता है ! चर्बी का तेल बिकता है !खून बिकता है हडडिया और चमड़ा बिकता है !!
तो निकलने वाली इन पाँच वस्तुओ का भरपूर प्रयोग है और एक बहुत बड़ा बाजार है इस देश मे!!
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इसके इलवा गाय के शरीर के अंदर के कुछ भाग है ! उनका भी बहुत प्रयोग होता है !जैसे गाय मे बड़ी आंत होती है !! जैसे हमारे शरीर मे होती है ! ऐसे गाय के शरीर मे होती है ! तो जब गाय के काटा जाता है ! तो बड़ी आंत अलग से निकली जाती है ! और इसको पीस कर gelatin बनाई जाती है !जिसका बहुत जादा प्रयोग आइसक्रीम, चोकोलेट,आदि
इसके इलवा Maggi . Pizza , Burger , Hotdog , Chawmin के base matirial बनाने मे भरपूर होता है | और एक jelly आती red orange color की उसमे gelatin का बहुत प्रयोग होता है ! chewgum तो gelatin की बिना बन ही नहीं सकती !!gelatin बनाने के google पर आप काफी link देख सकते है !!maggi ,i चाकलेट वाली कंपनिया सबसे ज्यादा धोखा दे रही हैं !
आजकल जिलेटिन का उपियोग साबूदाना में होने लगा है | जो हम उपवास मे खाते है !
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तो ये सब वस्तुओ जो जानवरो के कत्ल के बाद बनाई जाती है ! और हम जाने अनजाने मे इन का प्रयोग अपने जीवन मे कर रहे है ! और कुछ लोग अपने आप को 100 टका हिन्दू कहते है ! शाकाहारी कहते है !और कहीं न कहीं इस मांस का प्रयोग कर रहे है ! और अपना धर्म भ्रष्ट कर रहे है !

तो आप इन सबसे बचे ! और अपना धर्म भ्रष्ट होने से बचाये !एक बात हमेशा yaad रखे टीवी पर देखाये जाने वाले विज्ञापन (ads) को देख अपने घर मे कोई वस्तु न लाये ! इनमे ही सबसे बड़ा धोखा है !
जैसे चाकलेट का विगयापन आता है केडबरी nestle आदि !! coke pepsi का आता है ! fair and lovely आदि क्रीमे ! colgate closeup pepsodent आदि आदि toothpaste !!

तो आप अपने दिमाग से काम ले इन सब चीजों से बचे !! क्यूंकि विज्ञापन उनी वस्तुओ का दिखाया जाता है जिनमे कोई क्वाल्टी नहीं होती !! देशी गाय का घी बिना विज्ञापन के बिकता है नीम का दातुन बिना विज्ञापन के बिकता है गन्ने का रस बिना विज्ञापन के बिकता है !!

विज्ञापन का सिद्धांत है गंजे आदमी को भी कघा बेच दो !! एक ही बात को बार-बार,बार-बार दिखाकर आपका brain wash करना !! ताकि आप सुन सुन कर एक दिन उसे अपने घर मे उठा लाये !!

आपने पूरी post पढ़ी आपका बहुत बहुत धन्यवाद !!
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और हमे अब इस देश मे ऐसी सरकार लानी है जो पहला काम यही करे कि अंग्रेज़ो के समय से चल रहे ये सारे क्त्लखानों को बंद करने का बिल संसद मे लाये और इसे पास करे !!

आपके मन मे जानवरो के प्रति थोड़ा भी दया का भाव तो इस link पर click कर देखे !!
http://www.youtube.com/watch?v=tgQuXz5kVHc&feature=plcp

वन्देमातरम

जय गौ माता !!

Thursday, October 11, 2012

लोकनायक जय प्रकाश नारायण

Photo: कई लोग 'महानायक' का जन्मदिन मना रहे हैं और हम लोग लोकनायक जय प्रकाश नारायण का जिसने मुर्दों में जान फूंकी थी | आईये जाने की परदे के हीरो के मुकाबले असल में हीरो कैसे दमदार हैं |

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जन्म: 11 अक्टूबर 1902 बलिया, भारत

जयप्रकाश नारायण-भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है।.

मृत्यु: 8, अक्टूबर 1979 (उम्र 76)
जन्म: 11 अक्टूबर 1902 बलिया, भारत


जयप्रकाश नारायण का जन्म बिहार के सारण जिले के सिताबदियारा गांव में हुआ था।

जयप्रकाश नारायण (11 अक्तूबर, 1902 - 8 अक्तूबर, 1979) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। वे समाज-सेवक थे, जिन्हें 'लोकनायक' के नाम से भी जाना जाता है। 1998 में उन्हें भारत रत्न से सम्मनित किया गया।

आरम्भिक जीवन
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शिक्षा

पटना मे अपने विधार्थी जीवन में जयप्रकाश नारायण ने स्वतंत्रता संग्राम मे हिस्सा लिया। जयप्रकाश नारायण बिहार विधापीठ में शामिल हो गए, जिसे युवा प्रतिभाशाली युवाओं को प्रेरित करने के लिए डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और सुप्रसिद्ध गांधीवादी डॉ. अनुग्रह नारायण सिन्हा, जो गांधी जी के एक निकट सहयोगी रहे और बाद मे बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रह चुके है द्वारा स्थापित किया गया था। वे 1922 मे वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए, जहाँ उन्होंने 1922-1929 के बीच कैलिफोर्निया विश्वविधालय-बरकली, विसकांसन विश्वविधालय में समाज-शास्त्र का अध्यन किया। पढ़ाई के महंगे खर्चे को वहन करने के लिए उन्होंने खेतों, कंपनियों, रेस्टोरेन्टों मे काम किया। वे मार्क्स के समाजवाद से प्रभावित हुए। उन्होने एम.ए. की डिग्री हासिल की। उनकी माताजी की तबियत ठीक न होने की वजह से वे भारत वापस आ गए और पी.एच.डी पूरी न कर सके।

जीवन
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उनका विवाह बिहार के मशहूर गांधीवादी बृज किशोर प्रसाद की पुत्री प्रभावती के साथ अक्तूबर १९२० मे हुआ। प्रभावती विवाह के उपरांत कस्तुरबा गांधी के साथ गांधी आश्रम मे रहीं।वे डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और सुप्रसिद्ध गांधीवादी डॉ. अनुग्रह नारायण सिन्हा द्वारा स्थापित बिहार विद्यापीठ में शामिल हो गए। १९२९ में जब वे अमेरिका से लौटे, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तेज़ी पर था। उनका संपर्क गाधी जी के साथ काम कर रहे जवाहर लाल नेहरु से हुआ। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने। 1932 मे गांधी, नेहरु और अन्य महत्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओ के जेल जाने के बाद, उन्होने भारत मे अलग-अलग हिस्सों मे संग्राम का नेतृत्व किया। अन्ततः उन्हें भी मद्रास में सितंबर 1932 मे गिरफ्तार कर लिया गया और नासिक के जेल में भेज दिया गया। यहाँ उनकी मुलाकात एम. आर. मासानी, अच्युत पटवर्धन, एन. सी. गोरे, अशोक मेहता, एम. एच. दांतवाला, चार्ल्स मास्कारेन्हास और सी. के. नारायणस्वामी जैसे उत्साही कांग्रेसी नेताओं से हुई। जेल मे इनके द्वारा की गई चर्चाओं ने कांग्रेस सोसलिस्ट पार्टी (सी.एस.पी) को जन्म दिया। सी.एस.पी समाजवाद में विश्वास रखती थी। जब कांग्रेस ने 1934 मे चुनाव मे हिस्सा लेने का फैसला किया तो जेपी और सी.एस.पी ने इसका विरोध किया।

1939 मे उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज सरकार के खिलाफ लोक आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने सरकार को किराया और राजस्व रोकने के अभियान चलाए। टाटा स्टील कंपनी में हड़ताल करा के यह प्रयास किया कि अंग्रेज़ों को इस्पात न पहुंचे। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 9 महिने की कैद की सज़ा सुनाई गई। जेल से छूटने के बाद उन्होने गांधी और सुभाष चंद्र बोस के बीच सुलह का प्रयास किया। उन्हे बंदी बना कर मुंबई की आर्थर जेल और दिल्ली की कैंप जेल मे रखा गया। 1942 भारत छोडो आंदोलन के दौरान वे आर्थर जेल से फरार हो गए।

'मुझे अपने लिए चिंता नहीं है,किंतु देश के लिए मुझे चिंता है।’ बिहार विभूति डा. अनुग्रह नारायण सिन्हा उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हथियारों के उपयोग को सही समझा। उन्होंने नेपाल जा कर आज़ाद दस्ते का गठन किया और उसे प्रशिक्षण दिया। उन्हें एक बार फिर पंजाब में चलती ट्रेन में सितंबर 1943 मे गिरफ्तार कर लिया गया। 16 महिने बाद जनवरी 1945 में उन्हें आगरा जेल मे स्थांतरित कर दिया गया। इसके उपरांत गांधी जी ने यह साफ कर दिया था कि डा. लोहिया और जेपी की रिहाई के बिना अंग्रेज सरकार से कोई समझौता नामुमकिन है। दोनो को अप्रेल 1946 को आजाद कर दिया गया।

1948 मे उन्होंने कांग्रेस के समाजवादी दल का नेतृत्व किया, और बाद में गांधीवादी दल के साथ मिल कर समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 19 अप्रेल, 1954 में गया, बिहार मे उन्होंने विनोबा भावे के सर्वोदय आंदोलन के लिए जीवन समर्पित करने की घोषणा की। 1957 में उन्होंने लोकनिति के पक्ष मे राजनिति छोड़ने का निर्णय लिया।

1960 के दशक के अंतिम भाग में वे राजनिति में पुनः सक्रिय रहे। 1974 में किसानों के बिहार आंदोलन में उन्होंने तत्कालीन राज्य सरकार से इस्तीफे की मांग की।

वे इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के विरुद्ध थे। गिरते स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने बिहार में सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया। उनके नेतृत्व में पीपुल्स फ्रंट ने गुजरात राज्य का चुनाव जीता। 1975 में इंदिरा गांधी ने आपात्काल की घोषणा की जिसके अंतर्गत जेपी सहित ६०० से भी अधिक विरोधी नेताओं को बंदी बनाया गया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई। जेल मे जेपी की तबीयत और भी खराब हुई। ७ महिने बाद उनको मुक्त कर दिया गया। 1977 जेपी के प्रयासों से एकजुट विरोध पक्ष ने इंदिरा गांधी को चुनाव में हरा दिया।

जयप्रकाश नारायण का निधन उनके निवास स्थान पटना में 8 अक्टूबर 1979 को हृदय की बीमारी और मधुमेह के कारण हुआ। उनके सम्मान में तत्कालीन प्रधानमंत्री चरण सिंह ने ७ दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया, उनके सम्मान में कई हजार लोग उनकी शोक यात्रा में शामिल हुए।

सम्पूर्ण क्रान्ति का आह्वान
मुख्य लेख : सम्पूर्ण क्रांति

१५ जून सन् १९७५ को पटना के गांधी मैदान में छात्रों की विशाल समूह के समक्ष 'सम्पूर्ण क्रान्ति' का उद्घोष

पांच जून के पहले छात्रें-युवकों की कुछ तात्कालिक मांगें थीं, जिन्हें कोई भी सरकार जिद न करती तो आसानी से मान सकती थी। लेकिन पांच जून को जे. पी. ने घोषणा की:-

"भ्रष्टाचार मिटाना, बेरोजगारी दूर करना, शिक्षा में क्रान्ति लाना, आदि ऐसी चीजें हैं जो आज की व्यवस्था से पूरी नहीं हो सकतीं; क्योंकि वे इस व्यवस्था की ही उपज हैं। वे तभी पूरी हो सकती हैं जब सम्पूर्ण व्यवस्था बदल दी जाए। और, सम्पूर्ण व्यवस्था के परिवर्तन के लिए क्रान्ति, ’सम्पूर्ण क्रान्ति’ आवश्यक है।"

सम्पूर्ण क्रान्ति के आह्वान उन्होने श्रीमती इंदिरा गांधी की सत्ता को उखाड़ फेकने के लिये किया था।

लोकनायक नें कहा कि सम्पूर्ण क्रांति में सात क्रांतियाँ शामिल है - राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति। इन सातों क्रांतियों को मिलाकर सम्पूर्ण क्रान्ति होती है।

सम्पूर्ण क्रांति की तपिश इतनी भयानक थी कि केन्द्र में कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ गया था। जय प्रकाश नारायण जिनकी हुंकार पर नौजवानों का जत्था सड़कों पर निकल पड़ता था। बिहार से उठी सम्पूर्ण क्रांति की चिंगारी देश के कोने-कोने में आग बनकर भड़क उठी थी। जेपी के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण घर-घर में क्रांति का पर्याय बन चुके थे। लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान या फिर सुशील मोदी, आज के सारे नेता उसी छात्र युवा संघर्ष वाहिनी का हिस्सा थे।

जनता पार्टी
बाहरी कड़ियाँ

सम्पूर्ण क्रान्ति का आह्वान
स्वराज से लोकनायक (गूगल पुस्तक ; लेखक -जयप्रकाश नारायण , यशवन्त सिन्हा)
लोकनायक जयप्रकाश नरायण (अंग्रेजी लेख)
जयप्रकाश नरायण की जीवनी - (अंग्रेजी मे)
लोकनायक जयप्रकाश नरायण (अंग्रेजी लेख)
जेपी का गांव (हिन्दी चिट्ठा 'ज्ञानघर' से)
समग्र क्रांति के नायक जेपी
जेपी आंदोलन में साहित्यकारों की भूमिका

#Jignesh Naik
कई लोग 'महानायक' का जन्मदिन मना रहे हैं और हम लोग लोकनायक जय प्रकाश नारायण का जिसने मुर्दों में जान फूंकी थी | आईये जाने की परदे के हीरो के मुकाबले असल में हीरो कैसे दमदार हैं |

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जन्म: 11 अक्टूबर 1902 बलिया, भारत

जयप्रकाश नारायण-भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है।.

मृत्यु: 8, अक्टूबर 1979 (उम्र 76)
जन्म: 11 अक्टूबर 1902 बलिया, भारत


जयप्रकाश नारायण का जन्म बिहार के सारण जिले के सिताबदियारा गांव में हुआ था।

जयप्रकाश नारायण (11 अक्तूबर, 1902 - 8 अक्तूबर, 1979) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। वे समाज-सेवक थे, जिन्हें 'लोकनायक' के नाम से भी जाना जाता है। 1998 में उन्हें भारत रत्न से सम्मनित किया गया।

आरम्भिक जीवन
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शिक्षा

पटना मे अपने विधार्थी जीवन में जयप्रकाश नारायण ने स्वतंत्रता संग्राम मे हिस्सा लिया। जयप्रकाश नारायण बिहार विधापीठ में शामिल हो गए, जिसे युवा प्रतिभाशाली युवाओं को प्रेरित करने के लिए डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और सुप्रसिद्ध गांधीवादी डॉ. अनुग्रह नारायण सिन्हा, जो गांधी जी के एक निकट सहयोगी रहे और बाद मे बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रह चुके है द्वारा स्थापित किया गया था। वे 1922 मे वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए, जहाँ उन्होंने 1922-1929 के बीच कैलिफोर्निया विश्वविधालय-बरकली, विसकांसन विश्वविधालय में समाज-शास्त्र का अध्यन किया। पढ़ाई के महंगे खर्चे को वहन करने के लिए उन्होंने खेतों, कंपनियों, रेस्टोरेन्टों मे काम किया। वे मार्क्स के समाजवाद से प्रभावित हुए। उन्होने एम.ए. की डिग्री हासिल की। उनकी माताजी की तबियत ठीक न होने की वजह से वे भारत वापस आ गए और पी.एच.डी पूरी न कर सके।

जीवन
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उनका विवाह बिहार के मशहूर गांधीवादी बृज किशोर प्रसाद की पुत्री प्रभावती के साथ अक्तूबर १९२० मे हुआ। प्रभावती विवाह के उपरांत कस्तुरबा गांधी के साथ गांधी आश्रम मे रहीं।वे डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और सुप्रसिद्ध गांधीवादी डॉ. अनुग्रह नारायण सिन्हा द्वारा स्थापित बिहार विद्यापीठ में शामिल हो गए। १९२९ में जब वे अमेरिका से लौटे, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तेज़ी पर था। उनका संपर्क गाधी जी के साथ काम कर रहे जवाहर लाल नेहरु से हुआ। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने। 1932 मे गांधी, नेहरु और अन्य महत्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओ के जेल जाने के बाद, उन्होने भारत मे अलग-अलग हिस्सों मे संग्राम का नेतृत्व किया। अन्ततः उन्हें भी मद्रास में सितंबर 1932 मे गिरफ्तार कर लिया गया और नासिक के जेल में भेज दिया गया। यहाँ उनकी मुलाकात एम. आर. मासानी, अच्युत पटवर्धन, एन. सी. गोरे, अशोक मेहता, एम. एच. दांतवाला, चार्ल्स मास्कारेन्हास और सी. के. नारायणस्वामी जैसे उत्साही कांग्रेसी नेताओं से हुई। जेल मे इनके द्वारा की गई चर्चाओं ने कांग्रेस सोसलिस्ट पार्टी (सी.एस.पी) को जन्म दिया। सी.एस.पी समाजवाद में विश्वास रखती थी। जब कांग्रेस ने 1934 मे चुनाव मे हिस्सा लेने का फैसला किया तो जेपी और सी.एस.पी ने इसका विरोध किया।

1939 मे उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज सरकार के खिलाफ लोक आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने सरकार को किराया और राजस्व रोकने के अभियान चलाए। टाटा स्टील कंपनी में हड़ताल करा के यह प्रयास किया कि अंग्रेज़ों को इस्पात न पहुंचे। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 9 महिने की कैद की सज़ा सुनाई गई। जेल से छूटने के बाद उन्होने गांधी और सुभाष चंद्र बोस के बीच सुलह का प्रयास किया। उन्हे बंदी बना कर मुंबई की आर्थर जेल और दिल्ली की कैंप जेल मे रखा गया। 1942 भारत छोडो आंदोलन के दौरान वे आर्थर जेल से फरार हो गए।

'मुझे अपने लिए चिंता नहीं है,किंतु देश के लिए मुझे चिंता है।’ बिहार विभूति डा. अनुग्रह नारायण सिन्हा उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हथियारों के उपयोग को सही समझा। उन्होंने नेपाल जा कर आज़ाद दस्ते का गठन किया और उसे प्रशिक्षण दिया। उन्हें एक बार फिर पंजाब में चलती ट्रेन में सितंबर 1943 मे गिरफ्तार कर लिया गया। 16 महिने बाद जनवरी 1945 में उन्हें आगरा जेल मे स्थांतरित कर दिया गया। इसके उपरांत गांधी जी ने यह साफ कर दिया था कि डा. लोहिया और जेपी की रिहाई के बिना अंग्रेज सरकार से कोई समझौता नामुमकिन है। दोनो को अप्रेल 1946 को आजाद कर दिया गया।

1948 मे उन्होंने कांग्रेस के समाजवादी दल का नेतृत्व किया, और बाद में गांधीवादी दल के साथ मिल कर समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 19 अप्रेल, 1954 में गया, बिहार मे उन्होंने विनोबा भावे के सर्वोदय आंदोलन के लिए जीवन समर्पित करने की घोषणा की। 1957 में उन्होंने लोकनिति के पक्ष मे राजनिति छोड़ने का निर्णय लिया।

1960 के दशक के अंतिम भाग में वे राजनिति में पुनः सक्रिय रहे। 1974 में किसानों के बिहार आंदोलन में उन्होंने तत्कालीन राज्य सरकार से इस्तीफे की मांग की।

वे इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के विरुद्ध थे। गिरते स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने बिहार में सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया। उनके नेतृत्व में पीपुल्स फ्रंट ने गुजरात राज्य का चुनाव जीता। 1975 में इंदिरा गांधी ने आपात्काल की घोषणा की जिसके अंतर्गत जेपी सहित ६०० से भी अधिक विरोधी नेताओं को बंदी बनाया गया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई। जेल मे जेपी की तबीयत और भी खराब हुई। ७ महिने बाद उनको मुक्त कर दिया गया। 1977 जेपी के प्रयासों से एकजुट विरोध पक्ष ने इंदिरा गांधी को चुनाव में हरा दिया।

जयप्रकाश नारायण का निधन उनके निवास स्थान पटना में 8 अक्टूबर 1979 को हृदय की बीमारी और मधुमेह के कारण हुआ। उनके सम्मान में तत्कालीन प्रधानमंत्री चरण सिंह ने ७ दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया, उनके सम्मान में कई हजार लोग उनकी शोक यात्रा में शामिल हुए।

सम्पूर्ण क्रान्ति का आह्वान
मुख्य लेख : सम्पूर्ण क्रांति

१५ जून सन् १९७५ को पटना के गांधी मैदान में छात्रों की विशाल समूह के समक्ष 'सम्पूर्ण क्रान्ति' का उद्घोष

पांच जून के पहले छात्रें-युवकों की कुछ तात्कालिक मांगें थीं, जिन्हें कोई भी सरकार जिद न करती तो आसानी से मान सकती थी। लेकिन पांच जून को जे. पी. ने घोषणा की:-

"भ्रष्टाचार मिटाना, बेरोजगारी दूर करना, शिक्षा में क्रान्ति लाना, आदि ऐसी चीजें हैं जो आज की व्यवस्था से पूरी नहीं हो सकतीं; क्योंकि वे इस व्यवस्था की ही उपज हैं। वे तभी पूरी हो सकती हैं जब सम्पूर्ण व्यवस्था बदल दी जाए। और, सम्पूर्ण व्यवस्था के परिवर्तन के लिए क्रान्ति, ’सम्पूर्ण क्रान्ति’ आवश्यक है।"

सम्पूर्ण क्रान्ति के आह्वान उन्होने श्रीमती इंदिरा गांधी की सत्ता को उखाड़ फेकने के लिये किया था।

लोकनायक नें कहा कि सम्पूर्ण क्रांति में सात क्रांतियाँ शामिल है - राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति। इन सातों क्रांतियों को मिलाकर सम्पूर्ण क्रान्ति होती है।

सम्पूर्ण क्रांति की तपिश इतनी भयानक थी कि केन्द्र में कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ गया था। जय प्रकाश नारायण जिनकी हुंकार पर नौजवानों का जत्था सड़कों पर निकल पड़ता था। बिहार से उठी सम्पूर्ण क्रांति की चिंगारी देश के कोने-कोने में आग बनकर भड़क उठी थी। जेपी के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण घर-घर में क्रांति का पर्याय बन चुके थे। लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान या फिर सुशील मोदी, आज के सारे नेता उसी छात्र युवा संघर्ष वाहिनी का हिस्सा थे।

जनता पार्टी
बाहरी कड़ियाँ

सम्पूर्ण क्रान्ति का आह्वान
स्वराज से लोकनायक (गूगल पुस्तक ; लेखक -जयप्रकाश नारायण , यशवन्त सिन्हा)
लोकनायक जयप्रकाश नरायण (अंग्रेजी लेख)
जयप्रकाश नरायण की जीवनी - (अंग्रेजी मे)
लोकनायक जयप्रकाश नरायण (अंग्रेजी लेख)
जेपी का गांव (हिन्दी चिट्ठा 'ज्ञानघर' से)
समग्र क्रांति के नायक जेपी
जेपी आंदोलन में साहित्यकारों की भूमिका

Friday, September 14, 2012

Heritage places in Ballia


Heritage places in Ballia


Shahid Smarak
Constructed in the memory of freedom fighters who devoted their lives for India’s independence and made Ballia free for 14 days in 1942.



Religious places in Ballia


Bhrigu Mandir
At Bhrigu Mandir, the famous Dadri fair (mela) is held in the memory of Dardar Muni, disciple of Bhrigu muni, on the occasion of Kartik Purnima every year.



Water Gateways in Ballia


Surha Taal
Surha Taal is one of the most important lakes in the city which covers a large area. In the deeper parts of the lake, large quantities of weed siwar are grown. The water of this taal is drained or filled by the Katihar, a small town in Bihar, which connects it with the Ganga.


Picnic in Ballia(2)


Botanical Garden
Botanical Garden in Ballia shows a wide range collection of herbs, shrubs, trees and many other ornamental plants. The collection of these plants and trees are well taken care of by the government officials at botanical garden.
Dadri Fair or Dadri Mela
Dadri fair is one of the second largest fairs of India. The fair site is located at a distance of about 3 km from bus stand of Ballia city. The fair is held here annually starting from Kartik Purnima (October-November) in the honour of Dadar Muni, the disciple of Rishi Bhrigu. It is believed that he brought the River Saryu up to Ballia on the order of his Guru. This event is celebrated over a period of one month with lots of celebrations. The fair is organized in two phases. During the first phase a cattle fair is organized at Nandigram which starts 10 days before the Kartik Purnima. And later on the day of Kartik Purnima, Meena Bazaar having shops of different items, with many amusement facilities & various cultural programs are organized which last for one month.

परिचय बलिया

Ballia (Bhojpuri: बलिया, Hindi: बलिया) is a city with a municipal board in the Indian state of Uttar
Pradesh. The eastern boundary of the city lies at the junction of the Ganges and the Ghaghara. The city is situated from 141 km from Varanasi. Bhojpuri, a dialect of Hindi, is the primary local language.

Ballia is also known as Baghi Ballia (Rebel Ballia) for its significant contribution in India's freedom struggle. During the first Independence War of India in 1857, Ballia came in picture in front of the world and Shree Mangal Pandey was that first freedom fighter of that war who was born in village Nagwa Ballia district of India.[1] During the Quit India Movement of 1942 Ballia gained independence from British rule for a short period of time when the district overthrew the government and installed an independent administration under Chittu Pandey.


History

Ballia is an ancient city. Many great saints and sages of India had their ashrams in Ballia, including Valmiki, Bhrigu, Durvasa, Parashara muni and Jamadagni. Ballia was a part of the Kosala Kingdom in ancient times. It also came under the Buddhist influence for some time. Earlier the district was a part of Ghazipur district, but later it was created as an independent District.

Sahatwar, Sheikhpur and Sikanderpur are also very old towns of Ballia, populated during the reign of Feroze Shah Tughlaq where famous Muslim saints came and inhabited the area and served Muslims and non-Muslim alike


Origin of the name Ballia

The origin of the name Ballia, has long been a matter of dispute. It is locally said to have been derived from the name of the sage Valmiki, the celebrated Hindu poet and the author of Ramayana, whose having resided here was commemorated by a shrine, which has long been washed away. Another belief about the origin of the name is that it has been derived from the sandy nature of the land of the place, locally known as "Ballua" (balu meaning sand). It was initially named as 'balian', later transformed to Ballia

Transportation


Ballia is a station on the Broad Gage Indian Railways[6] with about 35 trains daily (including 2 Rajdhani express)[7] Major railway stations include Belthara Road, Surimanpur, Phephna, and Rasra. Belthara Road is connected with Gorakhpur by many trains like Dadar Express, Chauri Chaura Express, Gorakhnath Express etc. Road connectivty from Varanasi-to-Ballia, Gorakhpur-to-Ballia and Ballia-to-Patna is very good. It takes about 4 hours by road and 2–3 hours by train from Varanasi-to-Ballia. The road passes through Ghazipur district then small towns like Nagra, Sikanderpur then Ballia.

Dadri Mela (fair)

Dadri Mela is the second largest cattle fair of India which is located at 5 KM from Ballia town nearby NH 19 and 3 KM from Bus station of Ballia city.[3][4] The fair starts on full moon of Kartik Poornima (October–November) with Holy dip in Ganges. This fair is held annually in the honour of Dadar Muni, the disciple of Maharishi Bhrigu.

This fair is celebrated for more than one month and is organized in two phases. The first phase starts before 10 days of Kartik Poornima in which traders bring some excellent hybrids of cattle from across India for sale/purchase. On or after Kartik Poornima, various cultural programs are organized and one can find shops of different items at one stop during the next Fortnight.

Notable places


Notable temples:

    Maharshi Bhrigu Mandir in the heart of the city
    Jangli baba temple - 16 km from Ballia in Garwar.
    Shri Baleshwer Mandir
    Habib Manzil
    Chain Ram Baba mandir is in Sahatwar
    Nath Baba temple at Rasara
    Shokharan Nath mandeer In Ashega, Beruarbari.
    Panchmandir at village Sahatwar.
    Sri Sahajanand Baba Dev Sthan at village Chandpur at the bank of holy river Saryu (25 KM North-East from Ballia City)
    Narhari Das Kuti (Temple) - Guru of famous Poet Tulsi Das in Sitabdiyara
    Shri Jangli Baba Mandir (Temple) place at Garwar (Fair of Dhanteras before one day Diwali)
    Hanuman Mandir, 4 KM from Ballia city.
    Parashurama Temple in Maniyar (Only few temples of Parashurama)
    Kameshwar Nath Dham (Shiv Mandir), Karon, Ballia (U.P.)
    Mata Kapilashweri Bhwani Mandir (Temple), Near Sager Pali, Ballia (UP)
    Shahid Smarak, Sukhpura is dedicated to our freedom fighters and situated beside the Sukhpura Inter College's entrance.
    Bramani mata temple is situated about 6k.m. from Ballia
    KEVAL BABA temple is located in Hanshnagar
  • Lakhnesar, first republic of the Sengars having no kings to rule over.
  • swami Maharaj Baba Temple in Milki Village Near RaniGanj Bazar Bairia Ballia.
  • Jalpa mata Temple in Sikanderpur, Ballia.
  • Munishwara nand(khapadiya baba) temple, sripalpur, lalganj (dwaba) ballia
  • Sudistpuri - Raniganj bazar near Suraimanpur.Shri chhiteshwar nath mandir chhitoni
  • Shri chhiteshwar nath mandir chhitoni

    Area villages

  • A village named Dharnipur is located 9 KM from Ballia.
  • Aamghat Village is 7.7 km far from its District Main City Ballia.
  • A village Aundi (via Piyaria)is 20 km (west) from Ballia city / 10 km from Phepana Junction.- located on Ballia-Mau road.
  • A village called Majhuan (24 km far from Ballia city) . It is situated on the bank of the Ganges river.
  • Shivpur Diar Nai Basti (Bayashi) village which is having 20 thousand population with 90% literacy and 7 km far from Ballia.
  • A village named Akhar famous for its wrestlers located 6 km East from Ballia town.
  • A village named Dubhar village which is having 30 thousand population with 40% literacy and 9 km far from Ballia.famous for its literacy .
  • A village named Khejuri is located 15 KM from Ballia.
  • A village named Shahpur near Garwar police station is located 19 KM from Ballia.
  • Bansdih located 18 KM far from Ballia. It is having population more than 50,000.
  • Tengarhin village is located at Bairia - Ballia Road on Distance 36 KM from Ballia .
  • Hanshnagar is small village that is located 17 k.m. far from Ballia and 3 k.m. far from Haldi.

Notable personalities of Ballia


 Swaraj singh
    Mangal Pandey
    Chittu Pandey
    Hazari Prasad Dwivedi
    Jayaprakash Narayan
    Narad Rai-present M.L.A of ballia sadar
    Chandra Shekhar Singh - 9TH Prime Minister of India
    Murli Manohar - Politician
    Dr.Ganesh Prasad  - Mathematician
    Kedarnath Singh - Hindi poet
    Dr. Sandeep Pandey - Ramon-Magsasy Award Winner, Social Activist and Founder of "Asha for Education"
    Janeshwar Mishra(Chhote Lohiya) - Politician
    Dr. Janardan Chaturvedi - Translated Shrimad Bhagvat Geeta into Bhojpuri (regional language of eastern U.P. and Bihar) called "Janardan Geeta".
    Anand Swroop Verma - A Senior Journalist
    Netaji Santosh Pratap Singh- Kshatriya Sena
    Pt. Murlidhar shukla- founded first Hindi school in West Bengal with shyama Prasad Mukherjee
    Anant Kumar Pushpak-Senior Civil Engineer in KEC International Limited
    Mr. Bachha Pathak EX-Minister (govt of up)
    Mr.Pradeep Pathak (All India Rank 3 in gate )
    [Shri Bharat Singh " Akela"] A Senior Journalist, Teacher, Samajwadi Leader and Founder "(Rashtravadi Loktantrik Janta Party)"
    [Gajendra Pratap singh ] Social Activist and Founder of "(Samarpan India Janseva Foundation)"
Jagdish Sukla Ji (Professor at George Mason University in the United States)
Bharat Singh Ji (M.P. Ballia)

Education


 Major Educational Institutions:

    Holy Cross School, Amritpali, Ballia(U.P)
    St. Xavier's School - Dharahara, Ballia (U.P.)
    Sacred Heart School, Saharaspali, Ballia (U.P.)
    Town Polytechnic, Tikhampur Road, Ballia (U.P)
    Naga ji Saraswati Vidya Mandir Maldepur, Ballia (UP)
    Shri Jangli Baba Inter College (JBIC), Garwar, Ballia (UP)
    Gandhi Inter College Chilkahar, Ballia (UP)
    Bansi Bazar Inter College (BBIC), Navanagar, Ballia (UP)
    Pachrukha Devi Inter College (PDIC), Gaighat (Reoti), Ballia (U.P.)
    Modern Convent School, Gaighat (Reoti), Ballia (U.P.). This is 22 years old school and established in 1989.
    Oracle Institute of Management & Information Technology, Sankat Mochan Colony, Civil Lines, Ballia (U.P.)[14]
    Kunwar Singh Degree College, Ballia (U.P.)
    Kendriya Vidyalaya ballia
    Satish Chandra Degree College, Ballia (U.P.)
    Murli Manohar Town Degree College, Ballia (U.P.)
    Gandhi Degree College in Mirdha village, Ballia (U.P.)[15]
    Kendriya Vidyalaya, Ballia (U.P.)[16]
    Gyan Peethika Sr. Sec. School, Zeerabasti, Ballia (U.P.)
    MG Inter College, Dalan Chhapra, Ballia (U.P.)
    Sukhpura Inter College, Sukhpura, Ballia (U.P)
    Sri Haribansa Baba Inter College, Pur, Ballia (U.P.)
    Ratsar Inter College, Ratasar, Ballia (U.P.)
    Sri Ram Baba Sanskrit Mahavidyalaya, Akwari-Bisukia, Ballia (U.P.)
    Sri Swaminath Singh Surendara Mahavidyalya Mahathapar, Ballia (U.P.)
    Reoti Inter College Reoti, Ballia (U.P.)
    Amar Shahid Bhagat Singh Inter College Rasra, Ballia (U.P.). Formerly Known as King Gorge Silver Jubly Inter College Rasra, Ballia (U.P.).
    St Marys School.Abhanpur Rasra Ballia
    PMHS parasia bisouli Ballia U.P.
    CB Inter college sahatwar ballia U.p.



Wednesday, September 12, 2012

Some Famous Personality Of Ballia

Ballia is the birth place of Mangal Pandey, 
Chittu Pandey, Chandrashekhar(Ex PM), 
Shaikh Habibullah 1941, 
Manager Singh (Ex -MLA) (Malviya of Dwaba)1920-1993, 
Gauri Shankar Rai, the Ram Nagina Singh (Ex -MP) 1952, 
Gauri Bhaiya(Ex Min.).Sanaullah Ansari From Quazipura Play a vital role. 
Hazari Prasad Dwivedi,
Jaiprakash Narayan Some other notable figures from the Quit India Movement include Pt. 
Tarkeshwar Pandey and Murli Manohar.
At Present Neeraj Shekhar (MP), 
Ambika Chaudhary(Ex Min.), 
Ram Govind Chaudhary(Ex Min.), 
Narad Rai(Ex Min.), 
Sharada Nand Anchal(Ex Min.), 
Ghura Ram(Ex Min), 
Bachcha Pathak(Ex Min.), 
Sanatan Pandey(MLA), 
Manju Singh(MLA), 
Subhash Yadav(MLA), 
Kedar Nath Verma(MLA), 
Digvijay Singh(Member-AICC), 
Bhola Pandey(Member-AICC), 
 Ravi Shankar Singh"Pappuji", 
Awadhesh Kumar Singh(Social Worker-Chandrashekharnagar) 
Famous mathematician Dr.Ganesh Prasad was also from Ballia.

Saturday, September 8, 2012

मत डाल आग मे घी, शोला ये दहक जायेगा!

मत डाल आग मे घी, शोला ये दहक जायेगा!
खौल उठि छाति जिस दिन , जवालामुखि ये भडक जायेगा!!
दुम दबाकर , जान बचा कर फिर भाग्ता तु नजर आयेगा!
सुअर कि मौत मारेगा तुझे, कुते की तरह तुझे तड्पायेगा!!

शान्त ह शान्त इसे तु रह्ने दे
अमन से जि रहा ह अमन से इसे जिने दे
छोड अमन, तल्वार जिस दिन उठ जायेगी
तु तो क्या पर्छाइ भी तेरि कहिन नजर नही आएगी

कभी कश्मीर कभी यु.पी. कभि आसाम
लगा ले चाहे अपना तु जोर तमाम
ना कभी मिटा ह ना कभी मिटेगा
खवाब तेरा ये ख्वाब ही रह जायेगा

जब जाग उठेगा ये शेर हीन्दू दहाड अपनी तुझे ऐसी सुनायेगा
मा भारती की इस पावन धरा से नामो निशान तेरा मिट जायेगा…..
मत डाल आग मे घी, शोला ये दहक जायेगा
सुअर कि मौत मारेगा, तुझको, कुत्ते कि तरह तुझे तड्पायेगा..
मत डाल आग मे घी, शोला ये दहक जायेगा

जय हिन्द, जय हिन्दू, जय श्री राम

Friday, September 7, 2012

ये बनारस है.. एक शहर

ये बनारस है.. एक शहर
कहते है इस शहर में कोई भी भूखा नही सोता.. इस शहर में कोई मरता नहीं क्योकि , इस शहर में यमराज को आना मना है, इस शहर में लोग ख़ुद से मोक्ष पाने चले आते है, कहते है यहाँ मरने पे स्वर्ग मिलता।

इस शहर में लोग ३६५ दिन त्यौहार मनाते है और मस्ती करते हैं। दुःख यहाँ दीखता नही, सुख यहाँ टिकता नहीं लेकिन ये शहर रुकता नहीं। हर गली में मन्दिर हैं, हर मुहल्ले में मस्जिद, चारों छोर पे गिरिज
ा और गुरूद्वारे। कहीं पंजाब तो कहीं गुजरात, कहीं बंगाल और महराष्ट्र और कहीं मद्रास इस शहर में दिखता है। फैशन के दौर में भी एक गमछे में ही ये शहर जी लेता है, इतना ही नही नहीं ये शहर भारत रत्न भी देता है। फटी धोती और सफारी शूट एक ही दुकान पे चाय पीता है।

इस शहर का नाम पूछने पे कोई इसे काशी कोई वाराणसी और कई बनारस कहता है लेकिन अपने शहर की परिभाषा हर आदमी कुछ यू बताता है.. “खाक भी जिस जमी का पारस है वो शहर हमारा बनारस है...”

Friday, August 31, 2012

गाँधी तू चोर है


गाँधी तू चोर है
 डूबता जा रहा गहन तम में ,
भारत की आजादी का भोर है ,
आंसू में आवाज नहीं पर ,
क्षितिज तक पहुँचती शोर है ,
हँसते हँसते झूल गएँ शूली पर
 आजादी की खातिर पागल मतवाले ,
 क्रांतिकारी थे बड़े ही दिलवाले
 वो शेर बड़े थे हिम्मतवाले ,
वो नहीं सिर्फ कोई कहानी ,
 वो हैं भारत की जिंदगानी ,
बहते है भारत की हवाओं में ,
मुस्कराते हैं हर दिशाओं में ,
 तुम अहिंषा की झूठी लाठी पकड़े ,
गुलामी की गहरी ढाल हो
गाँधी भारत माँ के सच्चे दलाल हो ,
शहीद हर पल मुस्कराते हैं
और गाँधी तुम तस्वीर से
 ज़िन्दगी तक सिर्फ मौन हो
 गाँधी तुम चोर हो !

 भारत माँ का विश्वाश चुराया,
झूठे सपनो का आश जगाया ,
गुमनाम मौत दी तूने बोश को ,
कुचला हरदम क्रांति की सोच को ,
व्यभिचारी , बलात्कारी , अत्याचारी ,
तुम अंग्रेजों की दुम की लाठी थे ,
भारत माँ की आँचल को लाल किया
 हिन्दू मुस्लिम को दो भाग किया
 नेहरु को स्वार्थ में भारत का साम्राज्य दिया
 तुमसे पूछता है आज का लाचार हुआ भारत
 तूने क्यों तुगलक वंश को प्यार किया
 जयचंद तो फिर भी ठीक था तुझसे ,
बस पुत्री मोह में बना नीच था ,
तुम गाँधी तुम सबसे आगे हो ,
 नीचों के खानदान में हरदम भागे हो
 माँ के दूध का क्या तूने पहचान दिया
 हमेशा की गुलामी दे
भारत को बर्बाद किया
आज सुलगता भारत नफ़रत में बड़ा जोर है
 गाँधी तू चोर है !

 अवनि से अम्बर तक गूंजते सवाल हैं
सुन गाँधी तू भारत का बड़ा दलाल है ,
 तेरे पास नहीं कभी कोई जवाब है ,
 क्या यही भारत चाहा था हमने तुझसे ,
जिसने तुझे राष्ट्र पिता कहा था ,
वो नेहरू खुद ही तुगलकों का लुटेरा था ,
अरे चंडाल तू भारत माँ का पति नहीं हो सकता ,
जरा तू देख चेहरा अपना गहराई से ,
बेहया सा तू हरदम मुस्कराता है ,
तू कल भी मौन था आज भी मौन है ,
गाँधी बदला अब यह दौर है
 क्रांति का फिर होता शोर है
 गाँधी सुन तू चोर है
 गाँधी तू चोर है !

 यह कविता क्यों ? इन्सान विचारों से नहीं कर्म से बड़ा होता है , गाँधी के कुकर्मो की एक लम्बी गाथा को समर्पित शहीदों की श्रद्धांजलि में प्रस्तुत रचना ! क्रांति कोई शरीर नहीं क्रांति अमर आत्मा है , क्रांतिकारी भारत के कण कण में बिखरी आवाज है ! अरविन्द योगी वन्देमातरम

Arvind Yogi

Bestest & Biggest Dialogue I Had Ever Noticed


Photo: Bestest & Biggest Dialogue I Had Ever Noticed :D

My fav DIALOGUE

.
Problem yeh hai ki woh ladki hai. aur kya problem hai
Problem yeh hai ki main chahata hoon ki meri life mein koiye problem na ho
Lekin agar meri life mein koiye problem na ho toh yeh uski life ki sabse badi problem hai...

And bull shit she is worried yaar use to celebrate karna chahiye tha
She is in this exactly what she wants

Seriously yaar aajkal jab bhi wo muh kholti man karta hai muh me kuch stuff kardoon


Trust me yaar cheih mahinom me I have had it all Sab dekhliya meine
Kaunsi pyaar Kaisi relationship?
Kahin ki khushiya?

Relationship ka matlab ye rehta hai an end to your own happiness

Uske baad all you have to worry about is uski khushiyaan uska birthday
uske kutte ka birthday

Uska new year to kabhi tumhara bhi new year tha

In ladkiyon ko na koi khush nahi rakh sakta

A happy woman is a myth

Tu batman wali ki dekh le
Saala Jab tak saala batman nahi bana
tab tak bolti rahi
tum toh kuch karte nahi ho
nakara ho
napunshak ho
main tum jaise insaan ke saath kaise reh sakti hu
jisdin bechara batman ban gaya
us din boli
tum toh batman ban gaye
mujhe toh ek normal insaan chahiye tha
main tumhare saath kaise reh sakti hu

Sab saalan na in bollywood kahaniyon ka dosh hai

Bloody bollywood romantic masaala
Ek ladka ek ladki dono ko pyaar hua Dono saath saath Film khatam

Is ke baad ka story koi nahi batata Iske baad ki kahaani mein batata hoon

Iske baad ladke ne ladki ko do din hug nahi kiya To problem
Hug kiya to chape ho rahe ho Itna bhi achcha nahi lagta

Saale Shopping khatam nahi hoti inki Pehle cushion laye fir curtain laye
cushion, curtain se match nahi kiye toh aur cushion laye
mere ghar mein mug itne hai ki unko bechne jaoon
toh mahine ka kharcha nikal aaye

Ek to jo cheez lena hai wo leke nahi ayegi do hafte dimag chatenge ki
table lena hai table lena hai
5 ghante maal me bitake ek sadhi si chappal utha kar layenge
aur fir agle do hafte dimag chatenge
table lena hai table lena hai...

Offic e me kaam kar raha hoon
Phone aa jayega

Phone utathe hi bol deta hoon
Baat nahi kar sakta

Kitna mushkil hai ye baat samajhna?
Do minute karloge to kya ho jayega

Are do minute karloonga to tumhe kya miledi meri maan

Thik se to kar paoonga nahi

Aur iske baad I love you bole bina phone kaataan to naatak

Sabse jyada dimaag ki dahi is mobile phone ne ki hai...

Kitna ghatiya invention hai saala

Trust me I say patta hai saala patta...

ek toh ...inke ad bhi dekho
lo ji 1 paisa per second
aur phone karo
aur phone karo
aare call sasti ho jaane se baat thodi na badh jati hai karne ko
fir iska jawab unhe bhi do
tumhare pass baat kyon nahi hai karne ko
you have lost interest in me
tumhe hoon hoon hi karna atha toh maine tumhe phone hi kyon kiya???
are meri maa mujhe kya pata tune mujhe phone kyon kiya???
jake bharti mittal se puch na...

tujhe main bata raha hoon
us ad mein kutta nahi kutia hai...
seriously
mein shart laga sakta hoon...

Tujhe kya lagta hai

Columbus ko pata nahi tha wo india nahi jaa raha tha

Glati se pahoonch gaya?

Usko to pata tha

Wo bechara to kahin door jaan chahta tha

Biwi ki chakkar me bolna pada India jaa raha hoon

Nah to das sawaal poochti

Kahaan jaa rahe ho
Kyon jaa rahe ho

Achcha tumhe pata bhi nahi kahaan jaa rahe ho?
Seedhe seedhe kyon nahi bolte ki mujhse kahin door jaan chahte ho/

Aaj tak bechare ka mazaak udati hai duniya

Office me kaam kar raha hoon
Sms aajayega
I love you
Thik hai mein bhi sms karleta hoon

I love you too
Iske baad sms pe sms shuroo

abey kaam kya karti hai office mein???

Do sms ka reply mat karna

Turant Phone aa jayega

Phone mat uthaa
To dus min me message aa chuka hoga

I don't think its working anymore

Dus min me Babu I love you to
I don't think its working anymore

And this is when they are not even down

Ab pata chala ye aadmiyon ko itne heart attack kyon aate hain

Aur yeh…. gay bande itne successful kyon hote hai???

Because they don't have a woman to screw their happiness na

Log kehte hain na behind every successful man, there is a woman
True

But koi ye nahi bataata ki
behind every unsuccessful man, also there is a woman

Aur ye to koi bhi bata sakta hai na

Ki unsuccessful logon ka taadaath

Successful logon se kayi guna zyada hai is duniya me

Saala Office me kaam kar raha hoon

Keh raha hoon late ho jaaonga

To khaana nahi khayegi

Phir bhooki so jayegi

Are mein keh raha hoon na khana khalo

Kya karoon naukri chod doon?

saale ghar jaao

Pehle Inhe manao inhe khilao

Uske baad khud ki bhookh to aise hi mar jaati hai

Is sab ke baad bhi insaan kisi tarah

Kone me jaake shaanti se baitha hua hai chup chaap to gaya

Gadi gadi
kya soch rahe ho???

kya soch rahe ho???
kya soch rahe ho???

Are kuch nahi soch raha meri maa
yeh soch raha hoon ki tera mooh kaise band karu...
kya soch raha hoon
camera laga doon dimag mein...


Is sab ke baad
We never talk
We need to talk

I don't think its working any more

And mein tumhe bata raha hoon

You cannot discuss anything with a woman

Because they call it a discussion

But any discussion with a woman is an argument

Aur argument mein toh tu boss unse jeet hi nahi sakta…

Because hum aadmiyon ki ek basic need hoti hai

To make sense in an argument

Ladkiyon ko koi farak nahi padta

Sense jaise bekaasi cheez ki wajeh se wo

Argument kaise haar jaye

Ek to aaj ki baat pe argument aaj hoga hi nahi

aaj ki baat par jhagada hoga do mahine baad...
Yahaan saala yaad hi nahi rehta hai do mahine pehle hua kya tha???

Ladkiyaan bacha ke rakhti hain
yeh chota hatiyar nahi
bada hatiyar hai
isse badi ladai mein use karenge…


TU kabhi try karliyo khud ko sahi saabit karne ki

Tujhe lag hi raha haoga ki is point se tu apni baat ko ssabit karlega

Lekin tabhi ek awaaz ayegi

Ungli neeche karoo

Tune dhyaan bhi nahi diya hoga

Lekin tumhari nadaan si ungli unki taraf point kar rahi hogi

And suddenly , the whole argument will flush down the gutter
And mudra ye reh jayega ki

How dare you point a finger at me?

Kisne banaya ye rule

Kisne banaya?

Saal wo beech argument me tumhe jhoota phek ke maarle to koi dikkat nahi

Lekin unki taraf ek ungli point kardo

Saara mudra khatam

Wo sahi tum galat

Shaadi se pehle wo nagin tune kyon bhajta hai

Kyon ki band wala bhi tumhe chetaavani de raha hoga ki kaun aa raha hai tumhari zindagi me

Inka signature tune hai wo

Ab ye bata wo kya karne aayi thi tere paas yahaan

Same cheez mein karoon to

Uske kisi friend ko call karke
Ab ye problems ginaoon to

Kahegi tumne meir friend ko call kiya
Hmm hmm

Tum uski sympathy gain karna chahte ho?

Y don't you go and sleep with her?

Its ridiculous yaa

My fav DIALOGUE

.
Problem yeh hai ki woh ladki hai. aur kya problem hai
Problem yeh hai ki main chahata hoon ki meri life mein koiye problem na ho
Lekin agar meri life mein koiye problem na ho toh yeh uski life ki sabse badi problem hai...

And bull shit she is worried yaar use to celebrate karna chahiye tha
She is in this exactly what she wants

Seriously yaar aajkal jab bhi wo muh kholti man karta hai muh me kuch stuff kardoon


Trust me yaar cheih mahinom me I have had it all Sab dekhliya meine
Kaunsi pyaar Kaisi relationship?
Kahin ki khushiya?

Relationship ka matlab ye rehta hai an end to your own happiness

Uske baad all you have to worry about is uski khushiyaan uska birthday
uske kutte ka birthday

Uska new year to kabhi tumhara bhi new year tha

In ladkiyon ko na koi khush nahi rakh sakta

A happy woman is a myth

Tu batman wali ki dekh le
Saala Jab tak saala batman nahi bana
tab tak bolti rahi
tum toh kuch karte nahi ho
nakara ho
napunshak ho
main tum jaise insaan ke saath kaise reh sakti hu
jisdin bechara batman ban gaya
us din boli
tum toh batman ban gaye
mujhe toh ek normal insaan chahiye tha
main tumhare saath kaise reh sakti hu

Sab saalan na in bollywood kahaniyon ka dosh hai

Bloody bollywood romantic masaala
Ek ladka ek ladki dono ko pyaar hua Dono saath saath Film khatam

Is ke baad ka story koi nahi batata Iske baad ki kahaani mein batata hoon

Iske baad ladke ne ladki ko do din hug nahi kiya To problem
Hug kiya to chape ho rahe ho Itna bhi achcha nahi lagta

Saale Shopping khatam nahi hoti inki Pehle cushion laye fir curtain laye
cushion, curtain se match nahi kiye toh aur cushion laye
mere ghar mein mug itne hai ki unko bechne jaoon
toh mahine ka kharcha nikal aaye

Ek to jo cheez lena hai wo leke nahi ayegi do hafte dimag chatenge ki
table lena hai table lena hai
5 ghante maal me bitake ek sadhi si chappal utha kar layenge
aur fir agle do hafte dimag chatenge
table lena hai table lena hai...

Offic e me kaam kar raha hoon
Phone aa jayega

Phone utathe hi bol deta hoon
Baat nahi kar sakta

Kitna mushkil hai ye baat samajhna?
Do minute karloge to kya ho jayega

Are do minute karloonga to tumhe kya miledi meri maan

Thik se to kar paoonga nahi

Aur iske baad I love you bole bina phone kaataan to naatak

Sabse jyada dimaag ki dahi is mobile phone ne ki hai...

Kitna ghatiya invention hai saala

Trust me I say patta hai saala patta...

ek toh ...inke ad bhi dekho
lo ji 1 paisa per second
aur phone karo
aur phone karo
aare call sasti ho jaane se baat thodi na badh jati hai karne ko
fir iska jawab unhe bhi do
tumhare pass baat kyon nahi hai karne ko
you have lost interest in me
tumhe hoon hoon hi karna atha toh maine tumhe phone hi kyon kiya???
are meri maa mujhe kya pata tune mujhe phone kyon kiya???
jake bharti mittal se puch na...

tujhe main bata raha hoon
us ad mein kutta nahi kutia hai...
seriously
mein shart laga sakta hoon...

Tujhe kya lagta hai

Columbus ko pata nahi tha wo india nahi jaa raha tha

Glati se pahoonch gaya?

Usko to pata tha

Wo bechara to kahin door jaan chahta tha

Biwi ki chakkar me bolna pada India jaa raha hoon

Nah to das sawaal poochti

Kahaan jaa rahe ho
Kyon jaa rahe ho

Achcha tumhe pata bhi nahi kahaan jaa rahe ho?
Seedhe seedhe kyon nahi bolte ki mujhse kahin door jaan chahte ho/

Aaj tak bechare ka mazaak udati hai duniya

Office me kaam kar raha hoon
Sms aajayega
I love you
Thik hai mein bhi sms karleta hoon

I love you too
Iske baad sms pe sms shuroo

abey kaam kya karti hai office mein???

Do sms ka reply mat karna

Turant Phone aa jayega

Phone mat uthaa
To dus min me message aa chuka hoga

I don't think its working anymore

Dus min me Babu I love you to
I don't think its working anymore

And this is when they are not even down

Ab pata chala ye aadmiyon ko itne heart attack kyon aate hain

Aur yeh…. gay bande itne successful kyon hote hai???

Because they don't have a woman to screw their happiness na

Log kehte hain na behind every successful man, there is a woman
True

But koi ye nahi bataata ki
behind every unsuccessful man, also there is a woman

Aur ye to koi bhi bata sakta hai na

Ki unsuccessful logon ka taadaath

Successful logon se kayi guna zyada hai is duniya me

Saala Office me kaam kar raha hoon

Keh raha hoon late ho jaaonga

To khaana nahi khayegi

Phir bhooki so jayegi

Are mein keh raha hoon na khana khalo

Kya karoon naukri chod doon?

saale ghar jaao

Pehle Inhe manao inhe khilao

Uske baad khud ki bhookh to aise hi mar jaati hai

Is sab ke baad bhi insaan kisi tarah

Kone me jaake shaanti se baitha hua hai chup chaap to gaya

Gadi gadi
kya soch rahe ho???

kya soch rahe ho???
kya soch rahe ho???

Are kuch nahi soch raha meri maa
yeh soch raha hoon ki tera mooh kaise band karu...
kya soch raha hoon
camera laga doon dimag mein...


Is sab ke baad
We never talk
We need to talk

I don't think its working any more

And mein tumhe bata raha hoon

You cannot discuss anything with a woman

Because they call it a discussion

But any discussion with a woman is an argument

Aur argument mein toh tu boss unse jeet hi nahi sakta…

Because hum aadmiyon ki ek basic need hoti hai

To make sense in an argument

Ladkiyon ko koi farak nahi padta

Sense jaise bekaasi cheez ki wajeh se wo

Argument kaise haar jaye

Ek to aaj ki baat pe argument aaj hoga hi nahi

aaj ki baat par jhagada hoga do mahine baad...
Yahaan saala yaad hi nahi rehta hai do mahine pehle hua kya tha???

Ladkiyaan bacha ke rakhti hain
yeh chota hatiyar nahi
bada hatiyar hai
isse badi ladai mein use karenge…


TU kabhi try karliyo khud ko sahi saabit karne ki

Tujhe lag hi raha haoga ki is point se tu apni baat ko ssabit karlega

Lekin tabhi ek awaaz ayegi

Ungli neeche karoo

Tune dhyaan bhi nahi diya hoga

Lekin tumhari nadaan si ungli unki taraf point kar rahi hogi

And suddenly , the whole argument will flush down the gutter
And mudra ye reh jayega ki

How dare you point a finger at me?

Kisne banaya ye rule

Kisne banaya?

Saal wo beech argument me tumhe jhoota phek ke maarle to koi dikkat nahi

Lekin unki taraf ek ungli point kardo

Saara mudra khatam

Wo sahi tum galat

Shaadi se pehle wo nagin tune kyon bhajta hai

Kyon ki band wala bhi tumhe chetaavani de raha hoga ki kaun aa raha hai tumhari zindagi me

Inka signature tune hai wo

Ab ye bata wo kya karne aayi thi tere paas yahaan

Same cheez mein karoon to

Uske kisi friend ko call karke
Ab ye problems ginaoon to

Kahegi tumne meir friend ko call kiya
Hmm hmm

Tum uski sympathy gain karna chahte ho?

Y don't you go and sleep with her?

Its ridiculous yaa