मुंबई। हमले के शहीदों-मृतकों को संसद समेत देशभर में सोमवार
को श्रद्धांजलि दी गई। लेकिन इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार
शिंदे, कृषि मंत्री शरद पवार, राज्यपाल के शंकरनारायणन और सीएम पृथ्वीराज
चव्हाण जूते उतारना भी मुनासिब नहीं समझे।
मुंबई अब भी असुरक्षित: कविता
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शहीद हेमंत करकरे की पत्नी कविता ने
कहा-आतंक के खिलाफ लड़ाई अभी शुरू ही हुई है। मुंबई अब भी असुरक्षित है।
26/11 के बाद भी पुणो और अन्य जगहों में बम विस्फोट हुए हैं। पुलिस को
अत्याधुनिक हथियार नहीं मिले हैं। बुलेट प्रूफ जैकेट घोटाले का मामला अभी
तक नहीं सुलझा है।’
मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे। इनमें तत्कालीन एटीएस प्रमुख
हेमंत भी थे। हमले की चौथी बरसी से पांच दिन पहले मुख्य आरोपी कसाब को
फांसी दी गई थी। इससे शहीदों के परिजनों में खुशी तो दिखी लेकिन अपनों को
खोने का गम साफ नजर आया। कविता ने कहा, ‘मैं खुश हूं। लेकिन कसाब को फांसी
देने से मेरे पति या दिव्या के पिता तो वापस नहीं आएंगे।’
उन्होंने साथ ही कहा, ‘मुंबई अब भी असुरक्षित है। 26/11 के बाद भी
पुणो और अन्य जगहों में बम विस्फोट हुए हैं। पुलिस विभाग को अभी तक
अत्याधुनिक हथियार नहीं मिले हैं। बुलेट प्रूफ जैकेट घोटाले का मामला अभी
तक नहीं सुलझा है।’
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