Saturday, January 12, 2013

माँ की पुकार

"माँ की पुकार "
मेरा बच्चा माँ भारती की गोद में सो गया 
माँ भारती पूछ रही है इसका सर कहां है ???
इसको गोद में कैसे सुला सकती हूँ ! 
माँ भारती रों रों कर पूछ रही है 
ये मेरा सैनिक है मेरा लाल है
पर ??? इसका गर्व से हँसता हुआ
सूर्य सा तेजस्वनी सर कहां है ??
मेरा ये लाल चिर निंद्रा में है
इसकी माँ हूँ में इनको चूमना चाहती हूँ
पर इसका सर कहां है
मेरे लिये तो ये मेरा मस्तक था
आज इसका मस्तक कहां है ???
में मिलिन्द्र की कलम बन कर
पुछती हूँ मेरे लाल का सर कब
मेरी गोद में सुकून की नींद सोयेगा ???
इसकी माँ हूँ खून के आसूं पी लुंगी
इसके बच्चे की मासूम आँखों को क्या जवाब दूंगी ???
वर माला इसके गले में डालने वाली
पत्नी आज विधवा है
उसकी इंतजार करती आँखों को क्या जवाब दूंगी ???
माँ कहने वाले मेरे लाल
जा रूपधर के महाकाल का
टूट पढ़ बनकर भयंकर काल
ये तेरा शीश काटने वाले आज जिन्दा है
देशभर में घोर निन्दा है
उठ जा मेरे देश् तुजे माँ भारती की कसम है



हेमराज और सुधाकर सिंह को सलाम

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