Saturday, May 28, 2016

पहले कुछ भी ऐब नहीं था भारत बेचने वालों में?

satire
पहले कुछ भी ऐब नहीं था भारत बेचने वालों में
भारत तो बर्बाद हुआ है बस पिछले दो सालों में
अब तो गंगा में भी देखो गंदे नाले बहते हैं
पहले बस अमृत बहता था सारे गंदे नालों में
पहले मुल्क की सारी दौलत सब लोगों में बंटती थी
बस अब की सरकार ने उसको बंद किया है तालों में
अब तो बस हैवान हैं सारे इन्सां जैसी शक्लों में
पहले बस भगवान् थे सारे इंसानों की खालों में
कितनी गन्दी बात है देखो कितनी उलटी दुनिया है
अब सत्ता का केंद्र नहीं है चोरों के रखवालों में
पहले की सारी खेती से केवल सोना उगता था
हीरों के टुकड़े मिलते थे चावल में और दालों में

Ajay Pandey Ji (Saaheb)

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