पहले कुछ भी ऐब नहीं था भारत बेचने वालों में
भारत तो बर्बाद हुआ है बस पिछले दो सालों में
अब तो गंगा में भी देखो गंदे नाले बहते हैं
पहले बस अमृत बहता था सारे गंदे नालों में
पहले मुल्क की सारी दौलत सब लोगों में बंटती थी
बस अब की सरकार ने उसको बंद किया है तालों में
अब तो बस हैवान हैं सारे इन्सां जैसी शक्लों में
पहले बस भगवान् थे सारे इंसानों की खालों में
कितनी गन्दी बात है देखो कितनी उलटी दुनिया है
अब सत्ता का केंद्र नहीं है चोरों के रखवालों में
पहले की सारी खेती से केवल सोना उगता था
हीरों के टुकड़े मिलते थे चावल में और दालों में
Ajay Pandey Ji (Saaheb)
पहले बस अमृत बहता था सारे गंदे नालों में
पहले मुल्क की सारी दौलत सब लोगों में बंटती थी
बस अब की सरकार ने उसको बंद किया है तालों में
अब तो बस हैवान हैं सारे इन्सां जैसी शक्लों में
पहले बस भगवान् थे सारे इंसानों की खालों में
कितनी गन्दी बात है देखो कितनी उलटी दुनिया है
अब सत्ता का केंद्र नहीं है चोरों के रखवालों में
पहले की सारी खेती से केवल सोना उगता था
हीरों के टुकड़े मिलते थे चावल में और दालों में
Ajay Pandey Ji (Saaheb)
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