1- मुलायम- मैँ सत्ता मेँ रहू न रहू पर मुसलमानोँ का साथ देता रहूँगा...(जनता के साथ नहीँ बोला) फिर भी वो सेकुलर??
2- पीएम मनमोहन सिँह-देश के सँसाधनोँ पर पहला हक मुसलमानोँ का...(गरीब जनता का नहीँ) फिर भी वो सेकुलर??
3-राहुल गाँधी,अखिलेश हर जनसभा मेँ जालीदार टोपी पहनते हैँ क्या ये साँप्रदायिकता नहीँ है?
4-मुलायम और केजरी, बुखारी और तौकीर की शरणोँ मेँ सहयोग माँगने जाते हैँ तो सेकुलरिज्म कहलाता है?
5-नितीश मजारोँ पर जालीदार टोपी पहनकर चादर चढाने जाता है तो सेकुलर कहलाता है?
1-जब मोदी टीका लगायेँ तो साँप्रदायिक?
2-खुद को हिँदु राष्ट्रवादी कहेँ तो साँप्रदायिक?
3-साधू-सँतोँ का आर्शीवाद लेँ तो साँप्रदायिक?
4-जालीदार टोपी पहनकर जनता को टोपी नहीँ पहनाते तो साँप्रदायिक?
5-देश की जनता को हिँदु-मुसलिम मेँ न बाँटकर बल्कि 100 करोड हिँदुस्तानी कहते हैँ तो साँप्रदायिक हो जाते हैँ?
ये कैसा दोगलापन है हिँदु धर्म और हिँदु समाज के साथ?
क्या हिँदुस्तान मेँ खुद को हिँदु कहना साँप्रदायिक है?
क्या हिँदुस्तान मेँ हिँदु होना साँप्रदायिक है?
जागो भाइयोँ एवँ बहनोँ इन दोगले नेताओँ को उनकी औकात दिखा दो जो झूठे सेकुलरिज्म के नाम पर देश की जनता को बाँट रहे हैँ।
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