Wednesday, May 1, 2013

सरबजीत फिर हारा है ..



आहत दुखी व्यथित तन-मन है .....सरबजीत फिर हारा है ..
पकिस्तान ने मेरे मुह पर ...कड़ा तमाचा मारा है ....

चीन छीनता मेरे धरती ....मुझको आँख दिखता है
बीबी हो गर किन्नर मुखिया की ...हर कोई छेड़ के जाता है ..

रोज नोचते देश वो मेरा ...और राजा निंदा करता रह जाता है
मेरा मंत्री उनके प्यादे को ...भोजन पर ले जाता है ...

भारत माँ पे चढ़ा नारियल ..रिश्ते थे श्री लंका से ...
तोड़ भरोसा आँख तरेरी ...दीखते है अब शंका से ...

बांग्लादेश में मरता हिन्दू ...आधा बंग्ला भारत में
शिष्टाचार तभी दीखता है ...जब मंत्री आता जियारत में

इटली जैसा देश भी देखो ....सीना रोज दिखाता है
साथ बुआ का हाँथ पकड़ कर ...कानून रौंदता जाता है

देश टूटता हर पल मेरा ... कायरता की निशानी है
आमूल-चूल परिवर्तन कर ....वरना धरती टुकडो में बंट जानी है